RBI Counterfeit Note: भारत में नकली नोटों की समस्या एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। भारतीय रिज़र्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसके अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में कुल दो लाख सत्रह हजार तीन सौ छियानवे नकली नोट पकड़े गए। इनमें पांच सौ रुपए के एक लाख सत्रह हजार सात सौ बाईस नोट और दो सौ रुपए के बत्तीस हजार छह सौ साठ नोट शामिल हैं। यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि नकली मुद्रा का जाल तेजी से फैल रहा है और यह आम नागरिकों के लिए एक बड़ा आर्थिक जोखिम बनता जा रहा है। इस समस्या का असर न केवल व्यक्तिगत स्तर पर होता है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था की स्थिरता को भी प्रभावित करता है।
बैंकिंग लेनदेन में भी घुसपैठ
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नकली नोट अब सामान्य बैंकिंग गतिविधियों के माध्यम से भी प्रसारित हो रहे हैं। एटीएम से पैसे निकालने, बैंक काउंटर पर नकद लेनदेन करने या पैसे जमा करने जैसी रोजाना की गतिविधियों में भी नकली नोट मिल रहे हैं। यह स्थिति आम जनता के लिए बेहद परेशानी की बात है क्योंकि अब वे उन जगहों पर भी सुरक्षित नहीं हैं जिन्हें वे सबसे विश्वसनीय मानते थे। इसका मतलब है कि नकली नोट बनाने वाले गिरोह अपनी तकनीक और वितरण के तरीकों को लगातार सुधार रहे हैं। इसलिए हर नागरिक को अब पहले से कहीं अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।
पांच सौ रुपए के असली नोट की पहचान
पांच सौ रुपए के असली नोट को पहचानने के लिए कई महत्वपूर्ण विशेषताओं पर ध्यान देना आवश्यक है। इस नोट का मुख्य रंग स्टोन ग्रे होता है और इसका आकार छियासठ गुणा एक सौ पचास मिलीमीटर का होता है। नोट के सामने महात्मा गांधी की तस्वीर होती है जबकि पीछे की तरफ लाल किले का चित्र होता है। सुरक्षा धागा एक विशेष फीचर है जो हरे से नीले रंग में बदलता रहता है। वॉटरमार्क में गांधी जी की छवि और पांच सौ का अंक दिखाई देता है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से उभरी हुई स्याही का उपयोग किया गया है। माइक्रो टेक्स्ट और देवनागरी में लिखा गया मूल्य भी इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करता है।
दो सौ रुपए के नोट की विशेषताएं
दो सौ रुपए का नोट, जो नकली नोटों में दूसरे स्थान पर है, की अपनी अलग पहचान है। इसका मुख्य रंग चमकीला पीला है और आकार छियासठ गुणा एक सौ छियालीस मिलीमीटर का है। इस नोट पर भी महात्मा गांधी की तस्वीर होती है लेकिन पीछे की तरफ साँची स्तूप का चित्र है। इसमें भी रंग बदलने वाला सुरक्षा धागा होता है। स्वच्छ भारत का लोगो और संबंधित लेजेंड भी इस नोट की विशेषता है। दृष्टिबाधितों के लिए उभरे हुए निशान, देवनागरी में मूल्य, गवर्नर के हस्ताक्षर, गारंटी क्लॉज और आरबीआई का प्रतीक चिन्ह इसकी प्रामाणिकता को दर्शाते हैं।
संदिग्ध नोट की स्थिति में क्या करें
यदि किसी नोट की सच्चाई पर संदेह हो तो तुरंत नजदीकी बैंक शाखा में जाकर इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। आरबीआई के नियमों के अनुसार बैंक ऐसे संदिग्ध नोटों को स्वीकार करके उनकी जांच करता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं होती। केवल नोट की पूरी जानकारी देना पर्याप्त होता है। बैंक कर्मचारी उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए आवश्यक कार्रवाई करते हैं। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि आम नागरिक बिना किसी डर के संदिग्ध नोटों की रिपोर्ट कर सकें।
बचाव के उपाय और सरकारी प्रयास
नकली नोटों से बचने के लिए हर लेनदेन में सावधानी बरतना आवश्यक है। विशेषकर जब कोई व्यक्ति बड़ी मात्रा में नकद राशि दे रहा हो तो अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। रात के समय या भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नोट स्वीकार करते समय विशेष ध्यान देना चाहिए। एटीएम से पैसे निकालने के तुरंत बाद नोटों की जांच करना भी जरूरी है। आरबीआई लगातार जनता को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाता रहता है और बैंकों को भी संदिग्ध नोटों की पहचान के लिए नियमित निर्देश देता है।
अस्वीकरण: यह जानकारी सामान्य शिक्षा के उद्देश्य से दी गई है। नोट की वास्तविकता की जांच के लिए हमेशा बैंक या अधिकृत संस्थानों से संपर्क करें। सरकारी नीतियों और नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। संदिग्ध नोट मिलने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।